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Tuesday, March 8, 2016

मलेरिया के घरेलू उपचार ,Malaria Treatment in Hindi,Home remedies for malaria

 

जब मादा एनोफ़ीलीज मच्छर किसी मलेरिया रोग ग्रस्त  व्यक्ति को काटता है ,तो रोगी व्यक्ति के शरीर से मलेरिया संक्रमित खून खींच लेता है। इस खून में मलेरिया के  जीवाणु होते हैं।फ़िर जब यही मच्छर स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो मलेरिया के जीवाणु उसके शरीर में प्रविष्ट हो जाते हैं। मच्छर के काटने के प्राय:10 दिवस पश्चात मलेरिया ज्वर का आक्रमण हो जाता है| मलेरिया एक जानलेवा बुखार है जो कि गर्मी और बरसात के मौसम में बहुत तेजी से फैलता है। हर साल 25 अप्रैल को वर्ल्‍ड मलेरिया डे पूरे विश्‍व में मनाया जाता है

मलेरिया परजीवी विशेष रूप से लाल रक्त कणिकाओं (आरबीसी) को प्रभावित करता है जिससे शरीर में रक्त की कमी हो जाती है और मरीज कमजोर होता जाता है। यदि शुरुआत में ही ध्यान न दिया जाए तो इससे लीवर भी प्रभावित हो सकता है और रोगी पीलिया जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकता है। इस बुखार में रोगी के शरीर का तापमान 101 से 105 डिग्री तक बना रहता है। यह एक प्रकार का संक्रामक बुखार हैं

मलेरिया का लक्षण

  • रोगी को सर्दी लगने लगती है
  • शरीर कांपने लगता है। दूसरा लक्षण है सर्दी के साथ प्यास लगना, उल्टी होना, हाथ पैरों पर ठंड लगना और बेचैनी होना आदि। 
  • मलेरिया रोग में रोगी को कब्ज, घबराहट और बेचैनी आदि आने लगती है।  
  • खून की जांच बुखार किसी भी तरह का हो वो मलेरिया हो सकता है। 
  • एैसे में तुरंत खून की जांच करवानी जरूरी है। ताकि समय रहते उपचार मिल सके।
  • जी घबराना और पित्त की कड़वी उल्टी होना भी मलेरिया का प्रमुख लक्षण

आयुवेर्दिक उपचार-Ayurvedic Treatment for Malaria Fever,

  • सुबह-सुबह खाली पेट तुलसी के 4 से 5 पत्तों को अच्छि तरह से चबाकर खाएं। थोड़े ही दिनों में मलेरिया का बुखार उतर जाएगा। मलेरिया को जल्द ठीक करने के लिए 10 ग्राम पानी उबालें और उसमें 2 ग्राम हींग डालकर उसका लेप बनाएं। अब इस लेप को हाथ और पैरों के नाखूनों पर लगाएं। 4 दिनों तक एैसा करने से रोगी जल्दी ठीक हो जाता है।
  • बार-बार मलेरिया के बुखार आने पर नियमित छांछ का सेवन करते रहें।
  • मलेरिया का बुखार आने पर खाने वाले नमक की 5 चम्मच को तवे पर तब तक सेकें जब तक उसका रंग भूरा न हो जाए। फिर उस भूरे नमक की 1 चम्मच को एक गिलास पानी में मिलाकर पीने से मलेरिया का बुखार खत्म हो जाता है।
  • मलेरिया होने पर सेब का सेवन अधिक से अधिक करें। सेब खाने से बुखार जल्द ही उतर जाता है।
  • सौंठ और पिसा धनिया को बराबर मात्रा में मिला कर चूर्ण बनाएं और इसे पानी के साथ दिन में 3 बारी लें।
  • नींबू का पानी या नींबू की शिकंजी का सेवन करने से मलेरिया का बुखार उतर जाता है।
  • पिसी हुई काली मिर्च और नमक को नींबू में लगाकर मलेरिया के रोगी को चूसने को दें। एैसा करने स बुखार की गर्मी उतर जाती है। दिन में 2 बार इसका सेवन करें। यह मलेरिया के रोग को जल्द ठीक करता है।
  • 5 काली मिर्च और 50 ग्राम नीम की पत्तियों को बारीक पीस लें और इसे एक कप में छानकर थोड़ा-थोड़ा रोगी को दें। एैसा करने से मलेरिया जड़ से खत्म हो जाता है।
  • अमरूद का ज्यादा से ज्यादा सेवन करने से भी मलेरिया की बीमारी दूर होती है।
  • एक गिलास पानी में एक चम्मच शहद, आधा चम्मच काली मिर्च और एक चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलाकर उबालें और उसे ठंडा होने पर पीयें। यह बुखार से राहत देती है।
  • मलेरिया के बुखार होने पर प्याज का रस बेहद फायदेमंद होता है। 4 काली मिर्च का पाउडर, 4 मिली प्याज का रस मिलाकर दिन में 3 बारी पीएं।
  • लहसुन की 4 कलियों को छीलकर घी में मिला लें और इसका सेवन करें। एैसा करने से मलेरिया की ठंड उतर जाती है।
  • प्याज के रस में एक चुटकी कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर सुबह-शाम पीते रहने से भी मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।
  • 1 चम्मच लहसुन के रस में 1 चम्मच तिल का तेल को मिलाकर हाथ पैरों के नाखूनों पर लगाएं।
  • मलेरिया रोग में इन आयुवेर्दिक उपायों को करने से लाभ मिलता है। लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान इस बात पर देना जरूरी है कि बारिश के पानी को अपने आस-पास जमा न होने दें। मलेरिया के अलावा और भी कई बीमारियां इस जमे पानी से हो सकती हैं। इसलिए साफ सफाई का ध्यान जरूर देना चाहिए।
  • ढाक : ढाक के बीजों की गिरी (10 ग्राम) और करंजवा के बीजों के गिरी (10 ग्राम) को पानी में घिसकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर सुखा लें। बुखार आने के 4 घण्टे पहले यह 1 गोली पानी के साथ लेने से मलेरिया के बुखार में आराम मिलता है।
  • हरड़ : हरड़ का चूर्ण (10 ग्राम) को 100 मिलीलीटर पानी में पकाकर काढ़ा बना ले। यह काढ़ा दिन में 3 बार पीने से मलेरिया रोग में फायदा होता है।
  • चिरायता -चिरायते के रस लगभग 10 ग्राम को 10 मिलीलीटर संतरे के रस में मिलाकर मलेरिया रोग से पीड़ित रोगी को दिन में 3 बार पिलाने से लाभ होता है। चिरायते का काढ़ा 1 कप दिन में 3 बार कुछ दिनों तक नियमित पीने से मलेरिया रोग के सारे कष्टों में शीघ्र आराम मिलता है।
  • भांग : शुद्ध भांग का चूर्ण 1 ग्राम, गुड़ 2 ग्राम, दोनों को मिलाकर 4 गोलियां बना लेते हैं। जाड़े का बुखार दूर करने के लिए 1-2 गोली 2-2 घंटे के अन्तर से दें या शुद्ध भांग की 1 ग्राम गोली बुखार में 1 घंटा पहले देने से बुखार का वेग कम हो जाता है। 

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