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Tuesday, November 29, 2016

खसरा का घरेलू इलाज,Home Remedies for The Treatment of Measles in Hindi,

 

खसरा का घरेलू इलाज,Home Remedies for The Treatment of Measles in Hindi,
खसरा एक संक्रामक रोग होता है। यह ज्यादातर बच्चों पर हावी होता है। इस रोग में पहले बुखार आता है फिर दूसरे या तीसरे दिन इसमें दाने नजर आने लगता है और फफोलों का रूप ले लेते हैं और फिर चौथे दिन से पपड़ी जमकर गिरने लगती है। यह एक सूक्ष्म विषाणुजनित रोग होता है।
खसरा बच्चों को होने वाला छूत का रोग है और यह रोग संक्रमण के कारण दूसरे स्वस्थ बच्चे को होता है। इसलिए खसरा रोग जब किसी बच्चे को हो जाए तो उसके पास अन्य बच्चों को नहीं आने देना चाहिए क्योंकि हो सकता है कि दूसरे बच्चे को भी खसरा रोग हो जाए। खसरा का संक्रमण (वायरस) सबसे ज्यादा छोटे बच्चों में फैलता है। खसरा रोग के हो जाने के कारण रोगी के शरीर में रोगों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है

खसरा रोग के लक्षण,Symptoms of measles

खसरा रोग से पीड़ित रोगी को छींके आने लगती हैं तथा उसकी नाक से पानी बहने लगता है और आंखें लाल हो जाती हैं। खसरा रोग की शुरुआती अवस्था में रोगी व्यक्ति को तेज खांसी और बुखार रहता है। जब रोगी व्यक्ति को बुखार होता है तो उसके तीसरे दिन से उसके चेहरे तथा छाती पर लाल-लाल दाने दिखाई देने लगते हैं जो 4-5 दिनों तक रहते हैं। जैसे-जैसे रोगी के चेहरे के दाने ठीक होने लगते हैं वैसे-वैसे उसकी खांसी तथा बुखार भी कम हो जाता है। इस रोग से पीड़ित रोगी को कभी-कभी निमोनिया भी हो जाता है।
  • इस बीमारी में सबसे पहले जुकाम और सर्दी होती है। फिर छीकें आतीं हैं और सूखी खाँसी आती है। इसके बाद बुखार आने लगता है। 
  • आँख,मुँह फूले हुए एवं लाल दिखाई देतें हैं। ज्वर के चौथे दिन समस्त दिन शरीर एवं चेहरे पर बहुत छोटे-छोटे लाल दाने निकल आतें हैं। 
  • खसरे में पहले गले में खरास के साथ नाक से स्त्राव, छीकें आना, नेत्र लाल हो जाना, आंसू बहना, स्वरभंग, सिरदर्द, हाथ-पैर में पीड़ा, ज्वर (101 डिग्री फॉरेन हाइट से 140 डिग्री फारेनहाइट तक)।
  • खसरा एक संक्रामक रोग है। इसलिए रोगी को अन्य लोगों के सम्पर्क से दूर रखना चाहिए वरना उन्हें भी खसरा होने की सम्भावना रहती है।

खसरा रोग होने के कारण

  • खसरा रोग बच्चों के गलत खान-पान तथा अस्वस्थ वातावरण में रहने के कारण होता है। मैले कपड़े पहनने, गन्दे बिस्तर पर सोने के कारण तथा बंद कमरे में रहने के कारण खसरा रोग हो जाता है।
  • खसरा रोग से पीड़ित रोगी के द्वारा इस्तेमाल की गई चीजों का इस्तेमाल करने के कारण भी यह रोग हो जाता है। 
  • लापरवाही बरतने के कारण खसरा रोग के संक्रमण एक रोगी के शरीर से किसी स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और उस स्वस्थ व्यक्ति को भी खसरा रोग हो जाता है। 
  • खसरा रोग से पीड़ित रोगी को तली-भुनी, मिर्च-मसालेदार, दूषित भोजन, मिठाइयां तथा नमक नहीं खाने चाहिए।

खसरा के उपचार,Treatment of Measles

खसरा रोग का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार- खसरा रोग को ठीक करने के लिए रोगी को रसाहार चीजों का अधिक सेवन करना चाहिए, जिनमें प्रमुख रूप से संतरे का रस, नींबू का रस तथा कई प्रकार के फलों के रस आदि आते हैं। खसरा रोग से पीड़ित रोगी को रोग के दौरान सामान्य भोजन करना चाहिए
  • नीम, पित्त पापड़ा, पाठा, परवल के पत्ते, कुटकी, सफेद चंदन, खस, आँवला और अडूसा सभी को मिलाकर काढ़ा बनायें। इसमें शक्कर मिलाकर रोगी को पिलायें इससे खसरे में लाभ होगा।
  • आंवला, खस, गिलोय(गुरुचि), धनिया और नागरमोथा सबको सम्भाग में लेकर चूर्ण बनायें। एक चम्मच चूर्ण को दो गिलास पानी में उबालें। जब एक गिलास पानी शेष रह जाये। तो उतार लें। इससे आधा-आधा चम्मच की मात्रा में रोगी को बार-बार पिलायें। यह मात्रा बच्चों के लिए है। इससे दूसरे रोगों में भी आराम मिलता है।
  • खसरे की छोटी-छोटी फुंसियों पर खुजली और जलन हो तो चंदन को पत्थर पर घिसकर लेप लगायें।
  • पिडिकाओं को नीम और गूलर की छाल का क्वाथ बनाकर साफ़ करें, फिर उन पर नीम का तेल लगायें।
  • ब्राम्ही के स्वरस में मधु मिलाकर पीने से लाभ होता है।
  • एक लीटर पानी उबालकर चतुर्थांश रहने पर बच्चे को थोडा-थोडा यह पानी पिलायें। इससे खसरे में बार-बार लगने वाली प्यास शांत होती है।
  • खसरे में निकले लाल दानों से होने वाली तकलीफ को दूर करने के लिए आँवले को पीसकर उसका लेप लगायें। इससे बच्चे की छटपटाहट थम जायेगी। खसरा निकल जाने के बाद बदन में खुजली और जलन हो तो सूखे आँवले को पानी में उबालकर फिर उसे ठंडाकर लें। इसमें कपड़े को भिगोकर शरीर पर फेरें। इससे रोगी को राहत मिलेगी।
  • खसरे में खुजलाने से जो चिपचिपा पदार्थ निकलता है। उसके लिए 100 ग्राम नारियल के तेल में 20 ग्राम कपूर मिलायें। इस मिश्रण को शरीर में तीन से चार बार लगायें। इससे खसरे से राहत मिलती है।
  • आँखों में लाली या जलन हो तो इस काढ़े को स्वच्छ कपड़े में छानकर उसमें पानी मिलाकर रोगी की आँखों को बार-बार पोछें। काढ़े में कपड़ा या रूई डुबोकर आँखों पर रखने से भी फायदा होता है।
  • किसी अन्य जानकारी के लिए सम्बंधित टैग्स पर क्लिक करें।
  • अक्सर खसरा होने पर शरीर से टॉक्सिन जमा हो जाते हैं। ऐसे में हल्के गर्म पानी का सेवन करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं जिससे खसरे के लक्षणों में कमी देखी जा सकती है।
  • खसरे से ग्रस्त रोगी में बुखार की समस्या भी होती है इसलिए रोगी के पेट पर दिन में दो बार मड पैक लगाएं। इससे रोगी के बुखार में कमी देखने को मिलेगी। इस प्रक्रिया को तब तक अपनाएं जब तक रोगी का बुखार पूरी तरह से ठीक ना हो जाए।
  • खसरे में रोगी के शरीर में खुजली की समस्या आम है। कई बार खुजली से त्वचा क्षतिग्रस्त भी हो जाती है। इसके लिए नीम के पत्तों को गर्म पानी में डालकर कुछ देर छोड़ दें। उसके बाद उसी पानी से रोगी को स्नान कराएं। इससे खुजली की समस्या अपनेआप दूर हो जाएगी।
  • नींबू का सेवन काफी रोगों से निजात दिलाने के लिए जाना जाता है। क्या आप जानते हैं खसरे से ग्रस्त रोगी के लिए भी नींबू बहुत फायदेमंद है। जब भी रोगी को प्यास का अहसास हो तो उसे नींबू पानी ही पीने को दें। यह रोगी में पानी पीने की इच्छा को और बढ़ाता है।
  • खसरे में संतरे का जूस पीना बहुत फायदेमंद है। इससे रोगी की पाचन शक्ति बढ़ती है जिससे उसे भूख का एहसास होता है। आप चाहें तो संतरे के जूस पीने की जगह संतरा खा भी सकते हैं। यह शरीर में पानी की मात्रा को बनाए रखता है और रोगी के हाइड्रेट रहता है।

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