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Friday, January 6, 2017

होंठ फटना,Cracked Lips Treatment in Hindi,

 


सर्दियों का मौसम आते ही जहां पूरा शरीर शुष्क होने लगता है वहीं होंठों के फटने की समस्या भी हो जाती है. ये एक बेहद आम परेशानी है. ये तो आप भी जानते होंगे कि हमारे होंठों की त्वचा, शरीर के किसी भी दूसरे भाग की तुलना में कहीं अधिक पतली और संवेदनशील होती है.
ठंडी हवाओं और मौसम के बदलने से होंठों की नमी कहीं खो सी जाती है और वे फटने लग जाते हैं. ऐसे में ये बेहद जरूरी हो जाता है कि हम अपने होंठों का अच्छी तरह से ख्याल रखें ताकि वो हमेशा कोमल, मुलायम और खूबसूरत बने रहें.
सर्दियों में होंठ फटने की परेशानी आम सुनने को मिलती है। य़ह शरीर के बाकी अंगों में से सबसे नाजुक और कोमल अंग है, जिसकी देखभाल करनी बहुत जरूरी है। इन्हें मुलायम रखने के लिए लड़किया लिप बाम का इस्तेमाल करती हैं। लिप बाम की मदद से कुछ देर के लिए आप होंठों को सॉफ्ट कर सकती हैं लेकिन बाद में यह फिर ड्राई हो जाते हैं। इसकी जगह पर होममेड लिप स्क्रब का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे आपके होंठ लंबे समय तक मुलायम के साथ साथ गुलाबी भी रहेंगे।

होंठों के फटने के कारण  Dry Cracked lips causes in Hindi

सर्दियों के मौसम में फटे या रूखे होठ एक आम समस्या है । रूखे और फटे होठों के मुख्य कारण नीचे दिए जा रहे कारणों में से कोई भी हो सकते है
  • अत्यधिक धूम्रपान
  • होठों को बार-बार चाटना
  • विटामिन की कमी
  • धूप या शुष्क हवा के संपर्क में रहने से
  • सर्दियों के दौरान सूखी और ठंडी हवा और मौसम में परिवर्तन ।
  • सबसे अहम चीज उचित खान-पान की कमी, पानी कम पीने की वजह से शरीर में मॉश्चराइजर की कमी हो जाती है जिससे शरीर में रूखापन और खुश्की जैसी समस्या उत्पन्न हो सकती है ।
  • होंठो के लिए उपयोग में लाये जाने वाले कॉस्मेटिक चीजे की गुणवत्ता यानी poor quality भी फटे या रूखे होठ की वजह बन सकती है
  • शरीर में विटामिन ई की कमी, कैल्शियम व आयरन की पर्याप्त मात्रा न मिल पाना, सूखे तथा फटे होंठों की मुख्य वजहो में एक हो सकती है
  • होंठों की सफाई को अनदेखा करना, अगर आप कही धूल-मिट्टी या धूप से आ रहे हो तो चेहरे तथा होठो की सफाई जरुरी हैं नहीं तो फटे या रूखे होठ होना तो निश्चित ही है।

होंठ फटना,Cracked Lips Treatment in Hindi,

  • मुलेठी : वातज´ रोग में मुलेठी, लोबान, राल, गुग्गल, देवदारू को बराबर मात्रा मे मिलाकर पीस लें ओर छान लें। इस चूर्ण को नियमित रूप से होठों पर लगाने से होंठ फटना बन्द हो जाता है।
  • मोम : मोम, गुड़ और राल को बराबर मात्रा में एकसाथ मिलाकर तेल या घी में पकाकर लेप बना लें। इस लेप को होंठों पर लगाने से होठों की कठोरता, सुई चुभने जैसा दर्द और होंठों में से पीब आदि निकलना बन्द हो जाता है।
  • धनिया : धनिया, राल, गेरू, मोम, घी और सेंधानमक को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर और छानकर लेप करने से होंठों के घाव दूर हो जाते हैं।
  • अनन्तमूल : अनन्तमूल की जड़ को पीसकर होंठों पर या शरीर के किसी भी भाग पर जहां पर त्वचा के फटने की वजह से खून निकलता हो लगाने से लाभ होता है।
  • अजमोद : 1 से 4 ग्राम अजमोद के फल के चूर्ण को रोजाना सुबह और शाम खाने से होंठ ही नहीं, शरीर में कही भी त्वचा फटकर खून निकलता हो उसमें लाभ होता है।
  • मेथी : मेथी के बीज का चूर्ण 5 से 10 ग्राम सुबह और शाम गुड़ के साथ खाने से त्वचा या होंठ फटने की वजह से खून निकलने की शिकायत दूर हो जाती है।
  • जायफल : जायफल को पीसकर लेप करने से भी होंठ फटने की शिकायत या बिवाई (एड़ियां फटना) की शिकायत दूर हो जाती है।
  • अखरोट : अखरोट की मिंगी (बीज) को लगातार खाने से होंठ या त्वचा के फटने का रोग दूर हो जाता है।
  • सिंहोरा : सिंहोरा का दूध लगाने से होंठ या त्वचा के फटने की शिकायत दूर होती है।
  • खीरे : खीरे का पानी लगाने से होंठों का फटना बन्द हो जाता है।
  • मक्खन : मक्खन में नमक मिलाकर लगाने से होंठ नहीं फटते हैं।
  • शहद : 20 ग्राम शहद में 10 ग्राम सुहागा मिलाकर दिन में 3 बार मलने से होंठों का फटना दूर हो जाता है।
  • नारियल : 5 ग्राम मोम को 25 मिलीलीटर नारियल के गर्म तेल में डालकर घोट लें। इसे दिन में 3 बार होठों पर मलने से लाभ होता है।
  • मूंगफली : नहाने से पहले हथेली में चौथाई चम्मच मूंगफली का तेल लेकर अंगुली से हथेली में रगड़ लें और फिर होंठों पर इस तेल से मालिश करने से होंठ सुंदर बन जाते हैं।
  • मौसमी : होंठों पर मौसमी का रस रोजाना 2 से 3 बार लगाने से होंठों का कालापन दूर होता है और होठ प्राकृतिक रूप से लाल रहते हैं।
  • इलायची : होठों पर जब पपड़ी जम जाती है तो उनके उतरने पर बहुत दर्द होता है। इलायची को पीसकर मक्खन में मिलाकर कम से कम 7 दिन तक रोजाना 2 बार होंठों पर लगाने से लाभ होता है।
  • ग्लिसरीन : ग्लिसरीन को रोजाना 3 बार होंठों पर लगाने से लाभ होता है।
  • बादाम : 5 बादाम रोजाना सुबह और शाम खाने से होंठ नहीं फटते हैं।
  • बादाम रोगन : रात को सोते समय होंठों पर बादाम रोगन लगाकर सो जाएं। इससे सुबह उठने पर पपड़ी हट जायेगी और होंठ मुलायम रहेंगे तथा आगे से होंठों पर पपड़ी भी नहीं जमेगी। हमेशा ध्यान रखें कि होठों पर जमी हुई पपड़ी को नाखून या दांत से कभी नहीं नोंचे और मुंह से सांस न लें।
  • दही : दही के मक्खन में केसर मिलाकर होठों पर लगाने से होंठ लाल हो जाते हैं।
  • मलाई : सर्दियों में खुष्की से होंठ फट जाये तो उन पर आधा चम्मच दूध की मलाई में चुटकीभर हल्दी का बारीक चूर्ण मिलाकर धीरे-धीरे मलने से या लगाने से होंठ चिकने और मुलायम हो जाते हैं।
  • घी में थोड़ा सा नमक मिलाकर होंठों व नाभि पर लगाने से होंठ फटना बन्द हो जाते हैं।
  • वनस्पति घी को होंठों पर लगाने से होंठ फटना बन्द हो जाते हैं।
  • घी मे नमक मिलाकर रोजाना 2-3 बार नाभि पर लगाने से होंठों का फटना पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
  • गुलाब के एक फूल को पीसकर उसमें थोड़ी सी मलाई मिला लेते हैं। फिर इसे 10 मिनट तक होंठो पर लगाये रहते हैं। इसके बाद इसे धो देते हैं। कुछ दिनों तक इस प्रयोग को करने से होंठों की रंगत सुंदर हो जाती है।
  • गुलाब की पंखुड़ियों को पीसकर उसमें थोड़ी सी ग्लिसरीन मिला लें। इस मिश्रण को रोजाना होंठों पर लगाने से होंठों का कालापन दूर होता है और होंठ सुंदर बनते हैं। इस दौरान स्त्रियों को लिपस्टिक लगाना बन्द कर देना चाहिए।
  • गुलाब के एक फूल को पीसकर उसमें थोड़ी सी मलाई मिलाकर होंठों पर लगाकर लेप कर दें। आधे घंटे के बाद इसे धो लें। कुछ ही दिनों तक यह लगाने से होंठ फटेंगे नहीं और होठों का रंग बिल्कुल गुलाब जैसा लाल हो जायेगा।
  • सोने से पहले सरसों का तेल नाभि पर लगाने से होंठ नहीं फटते है।
  • ठंड़ी हवा के कारण होंठों को फटने से बचाने के लिए रात को सोते समय शुद्ध सरसों के तेल या गुनगुने घी को नाभि में लगाने से लाभ होता है।
  • निर्गुण्डी : फटे होंठों पर निर्गुण्डी के तेल को लगाने से आराम मिलता हैं।

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