Pages

Thursday, January 14, 2016

गर्भावस्था में देखभाल, प्रेग्‍नेंसी केयर,Pregnancy Care in Hindi,

 

गर्भावस्था में देखभाल, प्रेग्‍नेंसी केयर,Pregnancy Care -Pregnancy Care in Hindi,Pregnancy care and treatment in Hindi,

प्रेग्‍नेंसी के दौरान बहुत सी ऐसी समस्‍याएं हैं। जिनसे बहुत परेशानी होती है। जिनमें मुख्‍य है उल्‍टी का आना। यह दिखने में छोटी समस्‍या जरूर है, पर यह किसी भी महिला के हौसले को तोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ती। इसी तरह बार बार पेशाब का आना, खाना अच्‍छा नहीं लगना, गैस, पैरों में सूजन, खून की कमी आदि भी बड़ी दिक्‍कतें पैदा करती हैं। इन्‍ही कुछ समस्‍याओं का निदान नीचे दिया गया है। आशा है कि आपके कुछ काम आ सकेगा।

गर्भावस्था में देखभाल कैसे करें ,

  • यदि बार बार पेशाब आ रही हो, तो अनार के छिलकों को सुखाकर उसका चूर्णं बना लें। फिर ५ ग्राम की मात्रा में इस चूर्णं को पानी के साथ लेने से बहुत लाभ होता है।
  • एक केले के साथ बिदारीकंद और शताबरी का एक-एक ग्राम चूर्णं मिलाकर दूध के साथ पीने से बार बार पेशाब जाने की समस्‍या कम हो जाती है।
  • दिन में दो तीन बार छुआरा खाएं और रात में छुआरा खाकर दूध पीने से आराम मिलता है।
  • पचास ग्राम भुने चने खाकर ऊपर से थोड़ा सा गुड़ खाएं। दस दिन सेवन करने से आराम मिलेगा।
  • तीन आंवलों का रस निकालकर उसमें पानी मिलाकर सुबह शाम पीने से लाभ होता है।
प्रेग्‍नेंसी के दौरान उल्‍टी होने पर,गर्भावस्था में देखभाल कैसे करें ,
  • एक कागज़ी नींबू को काटकर दो टुकड़े कर लें। दोनों भागों पर काली मिर्च का चूर्णं व नमक बुरक कर आग पर गर्म करके चूसें। आपको लाभ होगा।
  • सुबह उठकर मुंह धोकर हल्‍के कुनकुने पानी में एक नींबू का रस निचोड़कर खाली पेट कुछ दिनों तक पिएं। इससे उल्टियां आना बंद हो जाएंगी।
  • अनार के दानों का रस थोड़ा थोड़ा करके चूसने से भी उल्‍टी में बहुत लाभ होता है।
  • गर्मी का मौसम हो तो बर्फ के पानी का सेवन करने से भी लाभ होता है।
  • संतरे, मौसमी व पके आम का रस व नारियल पानी भी बहुत फाएदेमंद होता है।
  • गर्भवती स्‍त्री के पेट पर पानी की पटटी रखने से भी उल्टियों में आराम मिलता है।
  • गुलकंद और शक्‍कर बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से भी आराम मिलता है।

खून की कमी,गर्भावस्था में देखभाल कैसे करें ,

  • गाजर का रस और चुकंदर का रस मिलाकर पीना बहुत लाभकारी होता है।
  • रोजाना एक ग्‍लास टमाटर का रस पीने से भी खून की कमी दूर होती है।
  • रोज 5-10  खजूर खाकर ऊपर से एक कप गर्म दूध पीने से थोड़े ही दिन में नया खून बनना शुरू हो जाता है। जिससे शरीर में स्‍फूर्ति और ताकत बढ़ती है।
  • सुबह शाम दूध के साथ एक-एक नग आंवले का मुरब्‍बा खाने से खून की कमी दूर हो जाती है।
  • अंजीर को दूध में उबालें। फिर उसे खाकर दूध पी जाएं। इससे खून की कमी दूर होती है।
  • गन्‍ने के रस में आंवले का रस और शहद मिलाकर पीने से खून बढ़ता है।
  • रोजाना पपीते का सेवन करने से भी खून की कमी नहीं होती। इसमें लौह तत्‍व की अधिकता होती है। जो खून बनाने में सहायक होता है।
  • गाजर की सलाद या फिर गाजर का मुरब्‍बा भी लाभकारी होता है। गाजर के मुरब्‍बे के लिए अच्‍छी मोटी गाजर को छीलकर बीच का कड़ा भाग निकाल दें। गूदे को कांटे से गोद कर पानी में हल्‍का सा उबालकर कपड़े पर फैला दें। इसके बाद एक किलो शक्‍कर की एक तार वाली चाशनी बनाकर गाजर पकाएं। पकाते वक्‍त नींबू का रस भी डाल दें। ठंडा होने पर कांच के बर्तन में भरकर रख लें और रोज सुबह खाएं।
  • बथुआ के साग का सेवन भी बहुत फाएदेमंद होता है। इससे खून में हीमोग्‍लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
  • ठंडे पानी में साफ किए गए चोकर को उसके वजन के छह गुना पानी में किसी बर्तन में ढंक कर आधे घंटे तक उबालें। स्‍वाद के लिए इसमें शहद व नींबू का रस मिला सकते हैं। एक-एक कप सुबह शाम पीने से खून की कमी दूर होती है।

यदि खाने के प्रति अरूचि हो तो.गर्भावस्था में देखभाल कैसे करें ,

  • हरी धनिया, टमाटर काग़जी़ नींबू, हरी मिर्च, काला नमक, अदरक का सलाद या चटनी बनाकर खाएं। इससे भोजन के प्रति रूचि उत्‍पन्‍न होगी।
  • सभी प्रकार के खटटे फलों या उनके रस का पानी में मिलाकर पीने से शरीर में दूषित पदार्थों की कमी होती है और रक्‍त क्षारीय होकर खाने के प्रति रूचि पैदा करता है।
  • रोज नाश्‍ते में पपीते का सेवन करें। इससे भूख खुलकर लगती है।
  • तरबूज के दस ग्राम बीज पीसकर आधे कप पानी में घोलकर, उसमें ५ ग्राम मिश्री और आधा नींबू का रस मिलाकर भोजन से १५ – २० मिनट पहले लेने से बहुत फाएदा होता है।
  • धनिया, काला जीरा, सोंठ और सेंधा नमक को बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्णं बना लें। फिर २ – २ ग्राम चूर्णं दिन में तीन चार बार लेने से भोजन के प्रति रूचि पैदा होती है।

गर्भावस्‍था में गैस हो तो...गर्भावस्था में देखभाल कैसे करें ,

  • ककड़ी, गाजर, टमाटर, मूली, पालक के सलाद में अदरक के बारीक टुकड़े काटकर उस पर नींबू निचोड़कर रोजाना सेवन करने से गर्भवती स्‍त्री को गैस की शिकायत नहीं होगी। साथ ही कब्‍ज भी दूर हो जाएगा।
  • दो सौ ग्राम फालसे के रस में थोड़ी मिश्री, काला नमक व नींबू मिलाकर खाने से भी गैस की समस्‍या से छुटकारा मिलता है।
  • बीस ग्राम सेंधा नमक और ५० ग्राम चीनी को एक साथ पीस कर किसी चीज में रख लें। फिर खाना खाने के बाद रोजाना आधा चम्‍मच खाने से गैस की शिकायत दूर हो जाएगी।
  • गैस की शिकायत होने पर एक कप पानी में आधा नीबू का रस निचोड़कर उसमें थोड़ी सी सौंफ का चूर्णं व काला नमक मिलाकर कुछ दिनों तक रोजाना सेवन करें। इससे लाभ होगा।
  • एक-एक नग आंवले का मुरब्‍बा सुबह शाम खाकर दूध पीने से भी गैस और अम्‍लपित्‍त की शिकायत दूर हो जाती है।
  • भोजन से १५ मिनट पहले अजवायन का आधा चम्‍मच चूर्णं थोड़ा सा काला नमक मिलाकर सेवन करें और भोजन के १५ मिनट बाद भी यही प्रयोग करें। आपको आराम मिलेगा। 
  • बरगद के पत्‍तों को घी में चुपड़कर उनको गर्म करके पैरों पर बांधने से गर्भवती स्‍त्री के पैरों की सूजन दूर हो जाती है।
  • गर्भावस्‍था में पैरों की सूजन में काले जीरे के काढ़े से पैरों को धोने से भी बहुत आराम मिलता है।
  • अजवायन का बारीक चूर्णं पैरों में धीरे धीरे मलें। आपको बहुत लाभ होगा।
  • अनन्‍नास को छीलकर उसको गोल गोल टुकड़ों में काट लें। फिर उस पर काली मिर्च का चूर्णं और काला नमक बुरक कर खाने से बहुत फाएदा होता है। इससे मूत्र में वृद्धि होती है, जिससे सूजन कम हो जाती है।

1 comment:
Write comments

Pages