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Thursday, March 10, 2016

कमर दर्द के घरेलू उपचार ,Back Pain Treatment at Home,

 

कमर दर्द सुनने में एक सामान्य सी बीमारी लगता है किन्तु इसका अनुभव वह ही बता सकता है जिसको इस समस्या से दो-चार होना पडा हो| पहले यह समस्या मुख्यतः वृद्धावस्था में परेशान करती थी किन्तु पिछले दो दशक में मुख्यतः खानपान में आये परिवर्तन और जीवनशैली के अनियमित हो जाने से अब यह रोग हर तीसरे-चौथे इन्सान को होने लगा है, तो चलिये इस बारे में कुछ बातें करते हैं|

कमर दर्द होने के कारण,reasons of back Pain,


कमर दर्द होने के बहुत से कारण आज गिनवाये जा सकते हैं जिनमें से प्रमुख हैं बढती हुई उम्र, पोषण की कमी, रात को देर तक जागना, बैठने की गलत स्थिति, ठण्डी चीजों का अधिक प्रयोग व सेवन,बहुत अधिक वजन, बहुत कम वजन, लम्बी बीमारी के बाद, किसी चीज को झटके से उठा देने आदि कारणों से अल्पकाल अथवा स्थाई रूप से कमर दर्द रहने लगता है| इसके अतिरिक्त पुरुषों में धातरोग एवं महिलाओं में प्रदर रोग में भी कमर दर्द बहुत परेशानी का कारण बन जाता है|  मांसपेशियों पर अत्यधिक तनाव। अधिक वजन। गलत तरीके से बैठना। हमेशा ऊंची एड़ी के जूते या सेंडिल पहनना। गलत तरीके से अधिक वजन उठाना। शरीर में लम्बे समय से बीमारियों का होना। अधिक नर्म गद्दों पर सोना।

घरेलु उपाय,Back Pain Treatment at Home,back pain treatment ,

  • कमर दर्द के लिये रोज सुबह खाली पेट पाँच ग्राम सौंठ को गुनगुने जल के साथ सेवन करना हबुत लाभदायक होता है| 
  • कमर दर्द में देशी घी से नियमित मालिश करना एक राहत प्रदान करने वाला उपाय है| 
  • कम वजन के कारण कमर दर्द रहता हो तो अश्वगंधा और मेथी को समान मात्रा में लेकर बनाया गया चूर्ण तीन तीन ग्राम रोज दो बार दूध के साथ लेना लाभकारी होता है| 
  • रात को सोते समय सप्ताह में दो बार दो मि०ली० एरण्ड तैल का सेवन करने से, शरीर में खुश्की के कारण होने वाले कमर दर्द से राहत पायी जा सकती है| 
  • ज्यादा वजन अथवा बढी तोंद के कारण होने वाली कमर दर्द में वजन कम करने के उपाय करने चाहिये साथ ही देशी गाय के दूध मे एक-दो दाने काली मिर्च के पकाकर नियमित पीने चाहियें| 
  • जडीबूटी की दुकान से मीठी सुरंजन लाकर उसका चूर्ण बनाकर एक-एक ग्राम दिन में तीन बार गुनगुने पानी से सेवन करना विशेष लाभ देता है| 
  • रोज सुबह सरसों या नारियल के तेल में लहसुन की तीन-चार कलियॉ डालकर (जब तक लहसुन की कलियां काली न हो जायें) गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें। 
  • नमक मिले गरम पानी में एक तौलिया डालकर निचोड़ लें। इसके बाद पेट के बल लेट जाएं। दर्द के स्थान पर तौलिये से भाप लें। कमर दर्द से राहत पहुंचाने का यह एक अचूक उपाय है। 
  • कढ़ाई में दो-तीन चम्मच नमक डालकर इसे अच्छे से सेक लें। इस नमक को थोड़े मोटे सूती कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। कमर पर इस पोटली से सेक करने से भी दर्द से आराम मिलता है। 
  • अजवाइन को तवे के पर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें। ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। इसके नियमित सेवन से कमर दर्द में लाभ मिलता है। 
  • अधिक देर तक एक ही पोजीशन में बैठकर काम न करें। हर चालीस मिनट में अपनी कुर्सी से उठकर थोड़ी देर टहल लें। 
  • नर्म गद्देदार सीटों से परहेज करना चाहिए। कमर दर्द के रोगियों को थोड़ा सख्ते बिस्तर बिछाकर सोना चाहिए। 
  • योग भी कमर दर्द में लाभ पहुंचाता है। भुन्ज्गासन, शलभासन, हलासन, उत्तानपादासन, आदि कुछ ऐसे योगासन हैं जो की कमर दर्द में काफी लाभ पहुंचाते हैं। कमर दर्द के योगासनों को योगगुरु की देख रेख में ही करने चाहिए। 
  • कैल्शियम की कम मात्रा से भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, इसलिए कैल्शियमयुक्त चीजों का सेवन करें। 
  • कमर दर्द के लिए व्यायाम भी करना चाहिए। सैर करना, तैरना या साइकिल चलाना सुरक्षित व्यायाम हैं। तैराकी जहां वजन तो कम करती है, वहीं यह कमर के लिए भी लाभकारी है। साइकिल चलाते समय कमर सीधी रखनी चाहिए। व्यायाम करने से मांसपेशियों को ताकत मिलेगी तथा वजन भी नहीं बढ़ेगा। 
  • कमर दर्द में भारी वजन उठाते समय या जमीन से किसी भी चीज को उठाते समय कमर के बल ना झुकें बल्कि पहले घुटने मोड़कर नीचे झुकें और जब हाथ नीचे वस्तु तक पहुंच जाए तो उसे उठाकर घुटने को सीधा करते हुए खड़े हो जाएं। 
  • कार चलाते वक्त सीट सख्त होनी चाहिए, बैठने का पोश्चर भी सही रखें और कार ड्राइव करते समय सीट बेल्ट टाइट कर लें।

    क्या खायें,What to eat back pain

    कमर दर्द के रोगी को सर्वप्रथम पौष्टिक आहार विहार पर ध्यान देना चाहिये| गाय के घी का सेवन करना चाहिये| सौंठ, जीरा, अजवायन, मेथीदाना आदि का अपने भोजन में समावेश करें| चोकरयुक्त आटे की चपातियॉ खायें, कद्दू, परवल, गाजर,लहसुन, सेंधानमक,योग प्राणायाम आदि का सेवन/अभ्यास करना उचित रहता है

    क्या न खायें,Do not eat

    ठण्डे और गुरू आहार जैसे कि, राजमा, उडद, दही, तक्र, बर्फ के बने सामान, ठण्डा दूध, दिन में सोना, रात को देर तक जागना, वजन उठाना, खटाई, फ्रिज में रखा खाना आदि का सेवन नही करना चाहिये|

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