सेक्स एक खूबसूरत अहसास हो सकता है बशर्ते इसे तरीके से किया जाए। एक्सपर्ट्स कहते हैं इससे कई बीमारियों का सफल इलाज किया जा सकता है। सेक्स आपके लिए एक आकर्षक अहसास बनें इसलिए जरूरी है कुछ गोल्डन tips खास आपके लिए
- दिन के समय कभी भी सेक्स न करें, सेक्स हमेशा रात में ही करना चाहिए वह भी सिर्फ एक बार। हो सके तो इसमें भी 'गैप' दें।
- सेक्स के लिए उचित समय और उचित स्थान का चयन करें। ऐसे स्थान का चयन करें जो दोनों सेक्स पार्टनर को आनंद की अनुभूति कराए।
- सेक्स संबंध बनाने में कोई जल्दबाजी न करें। साथ ही इस समय मन में किसी तरह का भय, चिंता, घबराहट नहीं होना चाहिए।
- संभोग की प्रक्रिया के पहले अपने पार्टनर को उत्तेजित करने में अधिक समय लगाएं। यदि इस दौरान इरेक्शन हो जाए तो भी चिंतित न हों। सेक्स करने में जल्दबाजी बिलकुल न करें। याद रखें एक स्त्री को उत्तेजित होने में पुरुष से ज्यादा समय लगता है।
- संभोग की प्रक्रिया शुरू करने के बाद बीच-बीच में रुकें और फिर शुरू करें। रुकने के दौरान अपने पार्टनर का चुंबन करें और उसके नाजुक अंगों को सहलाएं।
- यदि आपको डायविटीज की समस्या है तो उसे कंट्रोल करें साथ ही अल्कोहल का कम से कम सेवन करें। याद रहे अल्कोहल का ज्यादा सेवन आपकी सेक्स लाइफ के लिए नुकसानदायक है।
- अपने पार्टनर से देर तक बातचीत करें और फोरप्ले पर भी ध्यान दें उसे उत्तेजित करें।
- योग की अश्विनी मुद्रा का अभ्यास करें। इससे आप सेक्स का समय बढ़ा सकते हैं। वज्रोली मुद्रा से भी सेक्स समय को बढ़ाया जा सकता है।सूर्योदय के कुछ समय पूर्व से लेकर सूर्योदय के बाद यानी ब्रह्य मुहूर्त में किया गया सेक्स हेल्थ की दृष्टि से हानिकारक है।
- जो लोग शाम सात बजे तक भोजन कर लेते हैं, उनको छोड़कर शेष लोगों को जो कि भोजन रात्रि 10-11 बजे तक करते हैं, सेक्स आधी रात के बाद करना हितकारी है।
- सोने के ठीक पहले दूध न पिएं, यदि दूध लेना ही है तो सोने के एक घंटा पूर्व लें।
- स्त्री का जिस समय मासिक धर्म चल रहा हो, तब उसके साथ सेक्स न करें। इन चार दिनों में कंडोम वगैरह लगाकर भी नहीं। ऐसा करना कई तरह के रोगों को दावत देना है। इस तरह का सेक्स किसी भी सूरत में उचित नहीं, इससे दूर ही रहें।
- जो लोग शाम सात बजे तक भोजन कर लेते हैं, उनको छोड़कर शेष लोगों को जो कि भोजन रात्रि 10-11 बजे तक करते हैं, सहवास आधी रात के बाद करना हितकारी है।
- कई व्यक्ति सहवास को महज एक औपचारिकता के तौर पर लेते हैं और इस कार्य को केवल वीर्य स्खलन मानते हुए जल्द खत्म कर देते हैं।
- दरअसल सहवास में जल्दबाजी न तो पुरुष को ही आनंद देने वाली होती है और न ही स्त्री की संतुष्टि। लिहाजा सहवास के पूर्व विभिन्न क्रिया-कलाप एवं रसपूर्ण रोमांटिक बातों से स्त्री के 'काम' या सेक्स को पूर्ण जागृत करें, तभी सहवास का सच्चा आनंद आप पा सकते हैं और सहयोगी को पूर्ण संतुष्टि भी दे सकते हैं।
- कई व्यक्ति सहवास को इस हद तक जरूरी मानते हैं कि भले ही उनका पार्टनर ठंडा पड़ा हो या वह अन्य किसी कठिन परिस्थिति से गुजर रहा हो, वे सहवास करते ही हैं।
- यदि पति-पत्नी में से कोई भी क्रोध, चिंता, दुःख, अविश्वास आदि किसी भी मानसिक समस्या से गुजर रहा हो, तो सहवास करना उचित नहीं है। यानी सहवास उसी समय परम आनंददायक होता है, जब पति-पत्नी दोनों पूर्ण प्रसन्न चित्त हों।
realy
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